पडोसवाली भाभी की रसीली चूत

अन्तर्वासना, कामुकता और हिंदी सेक्स स्टोरी की दुनिया में आपका स्वागत है.. मैं छत्तीसगढ़ का रहने वाला हु। ये कहानी करीब 4 साल पुरानी है। मैंने उस समय तक सेक्स नही किया था। सबसे पहले मैंने अपने घर के पास रहने वाली युवती से सेक्स किया। उनकी शादी हो चुकी थी लेकिन वह अपने पति से अलग रहती थी।

कहानी में उसका नाम रानी रख लेते है। थोड़ी सावली पर उसका बदन काफी कामुक है।।उसकी उम्र 30 होगी। हर दिन मेरी उससे हाय हेलो होती थी। एक दिन उसने मुझे अलग ही तरह से मुस्कुराते हुए देखा।

मैं भी स्माइल कर दिया। शाम को वो मेरे पास आई और कही जॉब दिलाने की बात कही। मैने कहा आपको जॉब तो मिल जाएगी। क्या करना चाहती हो तुम। इस पर उसने टीचर की नॉकरी की बात कही।

फिर अक्सर हमारी बात होती रही। मैने उसकी शादी और पति के बारे में पूछा तो वह कुछ कह नही पाई। दोबारा मैंने पूछा। इनके बाद उसने अपनी कहानी बताई। पर उसमें खास नही है।

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इसलिये उसे नही लिख रहा हु। बातों ही बातो में मैंने पूछ लिया। अकेले मन लग जाता है। उसने फौरन कहा तुम भी तो अकेले हो। मैं तो इंतजार में ही था। कहा इसलिए तो पूछ रहा हु। फिर बात आगे नही बढ़ी।

दो दिन बाद मौसम ठीक हुआ तो मैंने कहा घूमने चलते हैं वो मान गईं। दोस्त की कार लेकर मैं लांग ड्राइव पर निकल गया। बात करते हुए मैं गेयर लगाते समय उसकी जांघो को टच कर रहा था। वो शांत थी मेरी हिम्मत बढ़ती गई।

धीरे से मैंने उसकी साड़ी ऊपर की तरफ हटाता गया। वो कुछ नही बोली। मेरा हाथ पेंटी तक आ गया। फिर मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी जांघ पर रख दिया। मैंने अपना लंड बाहर निकाल दिया।

हाथ बढ़ाकर उसने उसे पकड़ लिया। कार में ज्यादा कुछ नही हो सका।

फिर मैंने कार को एक होटल में रोका। रानी थोड़ा घबराने लगी।

मैंने उसे समझया की आराम करके लौट जाएंगे। पर कार में हुई हरकत से उसे अंदाज़ा था चुदाई तो पक्की है।

रूम में जाते ही मैंने उसे पकड़ लिया। इसके लिए वो तैयार नही थी पर वह जानती थी ऐसा होगा। इसलिए थोड़ा कसमसाने लगी। उसे सीधे बिस्तर पर पटक कर उसके ऊपर आ गया।

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उसके हाथ मे अपना लंड दे दिया। रानी भी जोश में आ गई।

जल्दी लंड हिलाने लगी। इधर मैं उनकी चूत पर उंगली करने लगा।

बिना कुछ बात किये हमारी हरकतें बढ़ती गई। दोनो ही बिना कपड़ों के हो गए। दोनो टांगो को फैलाकर मैं बीच मे आ गया। लंड को छेद में सेट करने लगा।

मुझसे नही हुआ तो उसने रास्ता दिखया।

इशारा पाकर मैन जोरदार धक्का लगाया। पूरा लंड एकबार भी पूरा घुस गया।

उसे ओर मुझे दोनो को दर्द हुआ।

धीरे दोनो चुदाई करने लगे।  10 मिनट बाद मैंने कहा। कि झड़ने वाला हु। उठाने अंदर ही झड़ने कहा दिया।

ये मेरा पहला अहसास था।

दोनो संतुष्ट दिखे। फिर 15 मिनट बाद उसने लंड को सहलाना शुरू कर दिया।

इसबार मैंने लंड उसके मुंह मे दे दिया।

वह जमकर चूसने लगी। कुछ देर में फिर लंड कड़ा हो गया। चूत में भी पानी आ गया। दोनो तैयार हो चुके थे। इसबार।मैं नीचे हो गया और लंड पर उसे बैठा लिया।

वो बड़े मजे से कूदने लगी। मैं उनके बूब्स दबाता तो कभी गांड में चपत लगता।

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10 मिनट के बात मैं उसे पीठ के बल लिटाया ओर खुद ऊपर आ गया। 20 मिनट तक कसकर उसे चोदा।

वो थक गई पर मेरा हुआ नहीं था। मैं ताकत लगता रहा। फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया।

उसने अचानक रुकने से आंखे खोली।

मैं उसे पलटने कहा पर उठाने गांड में लेने से मना कर दिया। मैं नाराज़ होने का नाटक करने लगा। फिर उसने अगली बार का वादा किया।

और मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत में घुसा लिया। फिर धकापेल चुदाई हुई। वो काफी चीखी। मैं कहा रुकने वाला था।

शरीर थक गया मगर लंड झड़ने का नाम नही ले रहा था।

वो भी नही करने की बात करने लगी।  हमको दूसरे राउंड में आधे घंटे हो गए।

फिर उसने मुझे अपने ऊपर से हटाया ओर लंड को जोरदार तरीके से चूसने लगी फिर मैं झड़ा।

फिर तैयार होकर हम लौटे।

अब भी उसकी चुदाई होती रहती है।